शिकायती टट्टू तो हो गई जनता लेकिन स्मृति दोष भी तो है.
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मेरे सहपाठी मुझे चमचा, चुगलखोर, शिकायती टट्टू जैसे नामों से चिढ़ाने लगे थे।
3.
शिकायती टट्टू होकर उसे तो बोझ ही ढोना है … महंगाई का, भ्रष्टाचार का, गुंडा राज का, पुलिसिया रौब का.
4.
जैसे थक गए हैं टूजी घोटाले, लोकपाल, सी डब्लू जी आदि आदि की ख़बरें पढ़कर, सुनकर, एक दिन ये शिकायती टट्टू भी थक जायेंगे.
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जनता हो गई है शिकायती टट्टू. हर चीज़ में शिकायत. हर बात में शिकायत. ठीक है कि हर एक वोट जरुरी है लेकिन अब देश के हर व्यक्ति की सुविधा और जरुरत का ख्याल तो रखा नहीं जा सकता ना.